आख़िर वज़न घटने के बाद कहां छू-मंतर हो जाती है शरीर की चर्बी?



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स्कूल के दिनों में भौतिक विज्ञान और रसायन विज्ञान के टीचर्स ने आपको भी पढ़ाया होगा कि ऊर्जा कभी भी नष्ट नहीं होती है, हां उसका स्वरूप बदल जाता है. तो क्या आपने कभी ये सोचा है कि जब हम वज़न घटाते हैं तो उस चर्बी का क्या होता है? वो कहां चली जाती है
वज़न घटाने की बात तो बहुत से लोग सोचते हैं, घटाते भी हैं लेकिन उस घटी हुई चर्बी का होता क्या है, ये एक बड़ा सवाल है. जिसका सही जवाब बहुत कम लोगों को पता है.
स्वास्थ्य की दुनिया में दख़ल रखने वाले क़रीब 150 से ज़्यादा लोगों से ये सवाल पूछा गया. ऑस्ट्रेलिया में सिडनी के यूनिवर्सिटी ऑफ़ साउथ वेल्स के प्रोफ़ेसर एजे ब्राउन और रिसर्चर रूबेन मीरमान भी उन लोगों में शामिल थे जिनसे ये पूछा गया कि चर्बी आख़िर कहां चली जाती है.
इस सवाल के बहुत से जवाब मिले. कुछ तो बेहद मज़ेदार थे और कुछ बेहद चौंकाने वाले.
हालांकि 98 फ़ीसदी जवाब तो ग़लत ही मिले.
ज़्यादातर लोगों ने जवाब दिया कि जो चर्बी हम घटाते हैं वो ऊर्जा में बदल जाती है. शोधकर्ताओं का कहना है कि ऐसा नहीं हो सकता क्योंकि इससे पदार्थ के संरक्षण के नियम का उल्लंघन होता है.
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लेकिन असल में क्या होता है?

कुछ लोगों ने जवाब दिया कि चर्बी, मांसपेशियों में बदल जाती है. अब इस बात को मान लेना भी संभव नहीं है. वहीं कुछ लोगों ने कहा कि जो चर्बी हम घटाते हैं वो मल के रूप में हमारे शरीर से बाहर निकल जाती है.
पाचन क्रिया और वज़न घटाने को लेकर पहले से ही काफी भ्रम हैं और कुछ वैसा ही भ्रम इस बात को लेकर भी है कि जो चर्बी घटाई जाती है उसका क्या होता है.
लेकिन अब इसका जवाब दिया है प्रोफ़ेसर एंड्र्यू जे ब्राउन और रिसर्चर रूबेन मीरमान ने.
ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में उनके जवाब प्रकाशित हुए हैं जिसके अनुसार नीचे लिखी ये बातें सामने आईं.
दरअसल, चर्बी, कार्बन डाइ ऑक्साइड और पानी में तब्दील हो जाती है. कार्बन डाई ऑक्साइड को हम सांस छोड़ने के दौरान शरीर से बाहर निकाल देते हैं. रही बात पानी की तो ये विभिन्न शारीरिक क्रियाओं से होता हुआ अंत में पेशाब के रूप में बाहर निकल जाता है.

बल्कि हम जो कुछ भी खाते हैं वो कार्बन डाइ ऑक्साइड रूप में हमारे फेफड़ों से बाहर फेंक दिया जाता है. विशेषज्ञों का मानना है कि हम जो भी कार्बोहाइड्रेट और वसा लेते हैं वो कार्बन डाइ ऑक्साइड और पानी में टूट जाता है. साथ ही अल्कोहल के रूप में भी.
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लंबी सांसें छोड़ना वज़न कम करने का तरीक़ा है?

यही प्रक्रिया प्रोटीन के साथ भी होती है. हालांकि कुछ चीज़ें यूरिया और दूसरे ठोस के रूप में भी बंट जाती हैं और बाद में मल के रूप में, पसीने के रूप में या यूरीन के रूप में शरीर से बाहर निकल जाती हैं.
सिर्फ़ फ़ाइबर्स ही ऐसे होते हैं जो हमारे पेट तक पहुंचते हैं और पाचन क्रिया के बाद बचा हुआ अवशेष मल के रूप में बाहर आता है.
अब अगर इस बात को सच माना जाए तो ये पता चलता है कि चर्बी का एक हिस्सा फेफड़ों से कार्बन डाइ ऑक्साइड के रूप में बाहर निकलता है. तो क्या अगर हम जल्दी-जल्दी और तेज़-तेज़ सांसें लें तो वज़न कम कर सकते हैं?
नहीं... प्रोफ़ेसर एंड्र्यू जे ब्राउन और रिसर्चर रूबेन मीरमान ऐसा नहीं करने की चेतावनी देते हैं. वो कहते हैं ऐसा करने से चक्कर आ सकते हैं और ऐसा भी हो सकता है कि वो शख़्स बेहोश हो जाए.


तो ऐसे में हेल्दी तरीक़े से वज़न कम करने का एकमात्र तरीक़ा सिर्फ़ यही है कि एक ओर डाइट में कैलोरी की मात्रा कम की जाए और इसके साथ-साथ फ़िजिकल एक्टिविटी पर ज़ोर दिया जाए.


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