क्या होगा अगर दुनिया की सारी मधुमक्खियाँ मर जाएँ What Would Happen in a World Without Bees......

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What Would Happen in a World Without Bees: मधुमक्खियां हमारे आसपास अक्सर हमें देखने को मिल जाती है हममे ज्यादातर लोग इन से डरते हैं लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि मधुमक्खियों का इस दुनिया को चलाने में कितना बड़ा हाथ है इनके अस्तित्व और सहयोग पर शायद हम कभी ध्यान ना देते हो, लेकिन अगर कुदरत ने हमें यह मधुमक्खियां नहीं दी होती तो हमारे शरीर पर सूती कपड़े से बने शर्ट और हाथ में गरमा गरम कॉफी भी नहीं होती। मधुमक्खियां हमारे लिए इस कदर सहायक हैं कि आप सोच भी नहीं सकते तो चलिए दोस्तों आज हम आपको अपने इस पोस्ट में बतलाते हैं कि अगर धरती से सारी मधुमक्खियां खत्म हो जाए तो उसका हमारी दुनिया पर क्या असर पड़ेगा? What Would Happen in a World Without Bees

POLLINATION (पॉलिनेशन) परागन

दोस्तों परागन का नाम तो आपने पहले सुना ही होगा लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि आज दुनिया भर में लगभग 100 प्रकार की फसल से हम सात अरब लोगों का लगभग 90% खान-पान जुड़ा है और इन फसलों का उपजने का मूल कारण केवल यह मधुमक्खियां हैं जो लगभग 70% पॉलिनेशन का भार अकेले उठाएं हैं। एक फूल से दूसरे फूल की मिलन कराने की यह प्रक्रिया जो आखिरकार एक फल के रूप में खत्म होती है इन मधुमक्खियों की ही देन है। जरा आप कल्पना कीजिए कि अगर मधुमक्खियां हि ना हो तो रसीले फल और हरी भरी सब्जियां यह सब चीज खाना तो दूर म्यूजियम में भी बड़ी मुश्किल से दिखाई देंगी।
दोस्तों केवल फल ही नहीं कॉफी के फसल के लिए भी यह मधुमक्खियां प्राकृतिक तौर पर जिम्मेदार हैं जिनके खत्म होने पर दुनिया भर में कॉफी की सप्लाई लगभग खत्म हो जाएगी और कॉफी उत्पाद पर भारी संकट आ जाएगा। हालांकि कॉफी के बिना इंसान मरेंगे तो नहीं लेकिन इस उद्योग से जुड़ी कंपनियां मधुमक्खियों के ना होने से खत्म सी हो जाएंगी और गर्म-गर्म कॉपी ना मिलने पर हमारी सुबह शायद उतनी अच्छी नहीं होगी। What Would Happen in a World Without Bees

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कपड़ों में कॉटन यानी सूती सबसे आम है और आपको यह जानकर हैरानी होगी कि हम इंसान में 50% से ज्यादा लोग कॉटन पहनते हैं। और क्या आप जानते हैं कि कॉटन यानी कपास की खेती सीधे तौर पर इन मधुमक्खियों के परागन से जुड़ी है। दुनिया भर में होने वाली कपास का परागन मधुमक्खियां ही करती है और यह ना हुई तो अमेरिका, चीन और भारत जैसे बड़ी कपास उगाने वाले देशों को भारी नुकसान होगा। इतना ही नहीं जो जींस, टी शर्ट कॉटन से बने कपड़े हम सब पहनते हैं वह हमें देखने को भी नसीब नहीं होंगे। कॉटन हमारे शरीर पर सबसे आरामदेह माना जाता है, लेकिन मधुमक्खियों के ना होने से हमें दूसरे तरह के कपड़ों से ही काम चलाना होगा।
हमारे रोजमर्रा में काम आने वाले सूखे मेवे जैसे कि बादाम, काजू को उगाने में यह मधुमक्खियां सबसे अहम भूमिका निभाती है। दुनिया की सबसे बड़ी बदाम उगाने वाली कंपनी जिसका व्यापार बिलियन डॉलर्स में है वह पूरी तरह से इन्हीं मधुमक्खियों पर निर्भर है। वहीं काजू भी एक ऐसा प्रोडक्ट है जो मधुमक्खियों के परागण से पैदा होता है। अफ्रीका में मधुमक्खियों के परागण से उगाई जाने वाली काजू की मात्रा आर्टिफिशियल तरीके से उगाए गए काजू से दुगनी होती है। और इतना ही नहीं वहां के हजारों परिवार इसी व्यवसाय पर निर्भर हैं, यानी मधुमक्खियों के खत्म होने से न केवल इन सूखे मेवों की कमी आएगी बल्कि कई लोगों के हाथों का काम भी जाता रहेगा। What Would Happen in a World Without Bees
शायद आपको जानकर यह हैरानी होगी कि दुनिया के आधे से ज्यादा व्यवसाय भी सीधे तौर पर इन्हीं मधुमक्खियों पर निर्भर हैं और जो उद्योग बच गए वह कहीं न कहीं इन्हीं से जुड़े हैं। फिर चाहे वह ट्रांसपोर्ट हो या मीट इंडस्ट्रीज। मधुमक्खियां पर निर्भरता का एक छोटा सा नमूना यह है कि एक जगह से दूसरे जगह खाद्य पदार्थ ले जाने वाली अमेरिका की सबसे बड़ी कंपनी ‘डॉट फूड्स’ की वार्षिक आय लगभग 5.5 बिलियन डॉलर है। अगर खाने पीने की यह सारी चीजें मधुमक्खियों के ना होने से खत्म हो गई, तो यह कंपनियां क्या करेंगी?
दुनिया भर में ना जाने ऐसे ही कितनी कंपनियां अरबों रुपए का व्यापार मधुमक्खियों की ही दया पर कर रही है। ऐसी ही मीट इंडस्ट्रीज है जिसके मवेशियों का मूल चारा खली यानी Oil सीड्स होता है। मधुमक्खियां नहीं तो खली नहीं, और खली नहीं तो मीट इंडस्ट्री नहीं। सोचिए कि दुनिया भर के जो देश महाशक्ति होने का दम भरते हैं, उन देशो का मुकद्दर कहीं ना कहीं एक छोटी सी मधुमक्खी के हाथ में है, जो चाहे तो एक झटके में किसी देश की अर्थव्यवस्था जमीन पर ला सकती हैं।

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